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Top Guidelines Of Shiv Chalisa lyrics

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श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। चारों जुग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।। त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥ अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर https://shivchalisas.com

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