सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ । या छवि को कहि जात न काऊ ॥ देवन जबहीं जाय पुकारा । तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥ जय जय जय अनंत अविनाशी । करत कृपा https://keegankicbv.mycoolwiki.com/7325750/the_greatest_guide_to_shiv_chalisa_lyrics_in_marathi